Freelancing vs Full Time Job in India: जब आप अपने करियर की शुरुआत करते हैं तो अक्सर फ्रीलांसर और फुल टाइम जॉब के बीच में कंफ्यूज हो जाते हैं। आजकल फ्रीलांसर की संख्या तेजी से बढ़ रही है तो वही मार्केट में फुल टाइम जॉब की भी डिमांड कम नहीं है। अगर आप भी अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं कि यहां पर हम आपको थोड़ी जानकारी देने वाले हैं कि फ्रीलांसिंग और फुल टाइम जॉब में से किस में आपको ज्यादा स्कोप मिलता है।
इस आर्टिकल को पढ़कर आप Freelancing vs full-time job के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर पाएंगे फ्रीलांसिंग जॉब के फायदे फुल टाइम जॉब के फायदे और नुकसान दोनों की जानकारी आपको यहां पर मिलेगी।
Freelancing vs Full Time Job in India
फुल टाइम जॉब में आप किसी कंपनी में एक फिक्स टाइमिंग के दौरान काम करते हैं और उसके लिए आपको एक फिक्स सैलरी मिलती है। वहीं फ्रीलांसर में आप अपनी हॉबी और रुचि के अनुसार काम करते हैं। ऐसे में आपको फुल टाइम सेलेक्ट करना चाहिए या फ्रीलांसर जॉब सेलेक्ट करना चाहिए आओ इसके बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त करें।
फ्रीलांसिंग क्या है?
फ्रीलांसिंग में आप किसी भी क्लाइंट या कंपनी के साथ में एक प्रोजेक्ट बेसिस पर या अपनी स्किल के बेसिस पर कार्य करते हैं। यहां पर आप अपना रेट खुद चुनते हैं।
ऑनलाइन कंटेंट राइटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, वेब डेवलपमेंट, डिजिटल मार्केटिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर आप फ्रीलांसर के रूप में कार्य कर सकते हैं। इसमें शुरुआत से ही आपको बहुत अच्छा पैसा मिलता है और आपकी स्किल बढ़ाने के साथ आप अपना रेट भी बढ़ा सकते हैं।
फ्रीलांसिंग के फायदे
- फ्रीलांसिंग में काम करना एकदम फ्लैक्सिबल होता है। आपको जब भी समय मिले आप काम कर सकते हैं। आप घर से या किसी भी वर्किंग स्पेस से कम कर सकते हैं।
- इसमें आपके ऊपर कोई मालिक नहीं होता है ऐसे में आप सारे डिसीजन खुद ही लेते हैं।
- इस प्रकार से काम करने से आपके अंदर धीरे-धीरे कई प्रकार की स्किल डेवलप हो जाती है, क्योंकि आप अलग-अलग प्रकार के प्रोजेक्ट पर अलग-अलग क्लाइंट के साथ काम करते हैं।
- यहां पर काम करने की कोई लिमिट नहीं होती है, आप एक ही साथ बहुत सारी कंपनियों के प्रोजेक्ट और बहुत सारी क्लाइंट का काम कर सकते हैं, जिससे आपकी कमाई बढ़ती है।
- फ्रीलांसिंग में आप अपनी वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ को बहुत अच्छे से मैनेज कर सकते हैं।
फ्रीलांसिंग करने के नुकसान
- फ्रीलांसिंग में रेगुलर इनकम की कोई गारंटी नहीं होती है, कभी आपके पास काम लिमिट से ज्यादा होता है तो कभी कम बहुत कम हो जाता है।
- फ्रीलांसिंग में आपको हेल्थ इंश्योरेंस, प्रोविडेंट फंड, रिटायरमेंट, पेंशन स्कीम जैसी विभिन्न प्रकार के लाभ कभी नहीं मिलते हैं।
- कई बार क्लाइंट आपके ऊपर समय पर काम पूरा करने का दबाव बनाता है जिससे आपकी लाइफ में टेंशन ज्यादा हो सकती है।
- शुरुआत में आपको अच्छे क्लाइंट बनाने में बहुत ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ता है।
Full Time जॉब क्या है ?
फुल टाइम जॉब में आप किसी भी कंपनी में एक एंप्लॉय के रूप में काम करते हैं। यहां पर आपकी शिफ्ट सामान्य तौर पर डे टाइम में या नाइट टाइम में शुरू होती है। इसमें आपको लगभग 8 से 9 घंटे रोजाना काम करना होता है।
दिन की शिफ्ट सामान्य तौर पर सुबह 9:00 बजे से शाम को 5:00 के लिए चलती है। यहां पर आपको एक फिक्स सैलरी मिलती है। बैंकिंग, आईटी सेक्टर, कॉरपोरेट सेक्टर और सरकारी नौकरी के सेक्टर में फुल टाइम जॉब ही चलता है।
फुल टाइम जॉब के फायदे
- फुल टाइम जॉब में आपकी सैलरी एकदम फिक्स रहती है, जिससे आपको फाइनेंशली कोई परेशानी नहीं होती है।
- फुल टाइम जॉब करने के दौरान आपको हेल्थ इंश्योरेंस, प्रोविडेंट फंड, ग्रेच्युटी, बोनस, पैड लीव जैसे विभिन्न प्रकार के लाभ मिलते हैं।
- समय-समय पर आपका प्रमोशन होता रहता है, जिससे आपकी सैलरी ग्रोथ और इंक्रीमेंट होते रहते हैं।
- काम का तनाव फ्रीलांसिंग के मुकाबले थोड़ा कम होता है, क्योंकि आप एक बार अपने काम में एक्सपर्ट होने के बाद उसे आसानी से मैनेज कर लेते हैं।
फुल टाइम जॉब के नुकसान
- फुल टाइम जॉब में आपको फ्लैक्सिबिलिटी नहीं मिलती है, आपको एक निश्चित लोकेशन पर निश्चित टाइमिंग के दौरान काम करना होता है।
- यहां पर आपकी कमाई फिक्स होती है ऐसे में आप एक लिमिट से ज्यादा पैसा नहीं कमा सकते हैं।
- यहां पर आपको एक ही प्रकार का काम हमेशा करते रहना होता है।
- प्राइवेट सेक्टर में अगर आप काम कर रहे हैं तो कंपनी में मंदी का दौर आने पर आपकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगता है।
- यहां पर आपको बहुत कम आजादी मिलती है और अपने निर्णय खुद नहीं ले सकते हैं।
सारांश: Freelancing vs Full Time Job in India क्या है बेहतर?
अगर आप अपनी लाइफ में फ्लैक्सिबिलिटी चाहते हैं। वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ के बीच में सब कुछ मेंटेन करके रखना चाहते हैं तो आप फ्रीलांसिंग की तरफ जा सकते हैं। अगर आपको जॉब सिक्योरिटी की ज्यादा चिंता है आप एक निश्चित इनकम करना चाहते हैं तो आप फुल टाइम जॉब की तरफ जा सकते हैं।
फ्रीलांसिंग में आप शुरुआत से ही बहुत अच्छा पैसा कमाते हैं लेकिन आपकी इनकम स्थिर नहीं रहती है। जबकि फुल टाइम जॉब में समय के साथ आपकी इनकम धीरे-धीरे बढ़ती रहती है।
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FAQs: Freelancing vs Full Time Job in India
Freelancing vs full-time job में से क्या बेहतर है?
आपकी जरुरत के अनुसार तय करे, विस्तार से जानकारी ऊपर आर्टिकल में दी गई है
फ्रीलांसिंग जॉब के क्या फायदे है?
फ्लैक्सिबल टाइमिंग शुरुआत से ज्यादा पैसा अपनी मनपसंद रेट यह सब इसके फायदे हैं
फुल टाइम जॉब के क्या फायदे है?
फिक्स इनकम फाइनेंशियल सिक्योरिटी पेंशन इंश्योरेंस आदि का लाभ